पहली बारिश आती है तो लगता है
किसीने मुर्दे में जान दाल दी हो ,
अकेले बीहड़ जंगल में
जैसे दूकान दाल दी हो |
पहली बारिश आती है तो लगता है
जैसे आसमान से सोना बरस रहा हो ,
और हर गरीब सोने में खेले
जो कौड़ी-कौड़ी को तरस रहा हो |
पहली बारिश आती है तो लगता है
बरसों की तपस्या का फल
एक ही दिन में खिल गया हो ,
और सारी समस्याओं का हल
एक ही घडी में मिल गया हो |
पहली बारिश आती है तो लगता है
किसीका अनंत व्रत अभी टूट गया हो ,
और अकेलेपन से अभी-अभी नाता
छूट गया हो |
पहली बारिश आती है तो लगता है
रुक-रुक कर चलती साँसों को
दौड़ने का मौका मिला हो ,
और बहारों का अचानक चल पड़ा
इक काफिला हो |
पहली बारिश आती है तो लगता है
धरती से हर बीज फूट कर
ख़ुशी से ठहाके मार रहा हो ,
फूल खिलके जैसे अपना आँचल सवांर रहा हो |
पहली बारिश आती है तो लगता है
की ईश्वर ने प्रार्थना सुनके
प्रसाद बरसाया हो ,
और अपने भक्तों को अपना मान गले लगाया हो |
- जितेश मेहता