Monday, March 21, 2016

world poetry day

On world poetry day

करता हूँ मैं आज सलाम ,
हर इक कवी को
जीवन के पहलुओं को जो दिखाता,
उस छवि को

मजबूर करदे सोचने पे,
जो जीने के ढंग
कभी वीर-रस से,
कभी कर के मस्त व्यंग

लिखना ही जिनका धर्म,
हर दिशा हर दशा है
सिहाइ की महक से बड़ा,
नहीं कोई नशा है

कवियों ने कई लम्हों को,
समेटा है गीत में
प्रतिबिम्ब हैं समाज का,
हर हार-जीत में

Dedicated to all Poets

@ Jitesh Mehta

Advance में Happy होली

मौका मिले तो कूद पड़ो
यारों की बना के टोली

गुलाल उड़ाना पानी नहीं
और साफ़ सुथरी हो बोली

घर मत रहना छुट्टी है
चाहे बंगला हो या खोली

फिर शायद Time मिले न मिले  
Advance में Happy होली

Tuesday, March 15, 2016

फिर होगी AC की तैसी

इस साल गर्मी होगी कैसी ?
फिर होगी AC की तैसी

नींबू की शामत है पक्की
जो खूब निचोड़ा जाएगा

गन्ने के हर ठेले पे
बर्फ का ढेला फोड़ा जायेगा

पानी जो खूब बहाते थे
अब बूँद-बूँद को चाटेंगे

पंखा जब चलने दौड़ेगा
'बिजली-घर' बिजली काटेंगे

फिर शामें भी गर्म होंगी
रातों में सपने उबलेंगे

जो सुबह ठन्डे हो निकलेंगे
दोपहर तक जा पिघलेंगे

Global Warming के चक्कर में
होगी पिछले वर्ष जैसी

इस साल गर्मी होगी कैसी ?
फिर होगी AC की तैसी

Tuesday, March 8, 2016

गर्मी आई

करलो फिर तैयारी भाई
गर्मी आई

जितना भी रात जी-भर सो लो
जितना भी चाहे सुस्ता लो
दिन भर आएगी अंगड़ाई
गर्मी आई



AC-Cooler फिर चल पड़े
बिजली का meter भागेगा
आटा गीला और महंगाई
गर्मी आई

जलाशय फिर सूखेंगे
बादल धरती से रूठेंगे
अच्छी बस पेड़ की परछाई
गर्मी आई

चिप-चिप चिप-चिप हाय-हाय
सब गर्म भाप बन उबलेंगे
चेहरों की रंगत मुरझाई
गर्मी आई

शामें पर खूब खिल गाएंगी 
चेहरों पर सुकून लाएंगी
पूरे अम्बर लालिमा छाई
गर्मी आई

करलो फिर तैयारी भाई
गर्मी आई

@ जितेश मेहता

Tuesday, March 1, 2016

city of food and joy

कलकत्ता : खाना पीना और गाना 

हर शहर की अपनी होती है इक पहचान 
कहीं पे भाषा , कहीं त्यौहार , कहीं का खाना जान 

ऐसा ही शहर देखा नाम है कलकत्ता 
हर इंसान यहाँ का बन सकता है इक काबिल वक्ता

भाषा यहाँ की मीठी सबसे जैसे हैं मिष्ठान 
रसगुल्ला, सन्देश , लेंगचा या फिर खालो पान

खाने-पीने के शौकीनों से भरा पड़ा बाज़ार 
आलू-कबली, fish fry, पुचका तेज़-तर्रार 
 
मस्त मौला इस नगरी में जब हो आपका जाना 
और कुछ करो न करो खाना अवश्य खाना 

@जितेश मेहता