On world poetry day
करता हूँ मैं आज सलाम ,
हर इक कवी को
जीवन के पहलुओं को जो दिखाता,
उस छवि को
मजबूर करदे सोचने पे,
जो जीने के ढंग
कभी वीर-रस से,
कभी कर के मस्त व्यंग
लिखना ही जिनका धर्म,
हर दिशा हर दशा है
सिहाइ की महक से बड़ा,
नहीं कोई नशा है
कवियों ने कई लम्हों को,
समेटा है गीत में
प्रतिबिम्ब हैं समाज का,
हर हार-जीत में
Dedicated to all Poets
@ Jitesh Mehta
करता हूँ मैं आज सलाम ,
हर इक कवी को
जीवन के पहलुओं को जो दिखाता,
उस छवि को
मजबूर करदे सोचने पे,
जो जीने के ढंग
कभी वीर-रस से,
कभी कर के मस्त व्यंग
लिखना ही जिनका धर्म,
हर दिशा हर दशा है
सिहाइ की महक से बड़ा,
नहीं कोई नशा है
कवियों ने कई लम्हों को,
समेटा है गीत में
प्रतिबिम्ब हैं समाज का,
हर हार-जीत में
Dedicated to all Poets
@ Jitesh Mehta