Tuesday, March 1, 2016

city of food and joy

कलकत्ता : खाना पीना और गाना 

हर शहर की अपनी होती है इक पहचान 
कहीं पे भाषा , कहीं त्यौहार , कहीं का खाना जान 

ऐसा ही शहर देखा नाम है कलकत्ता 
हर इंसान यहाँ का बन सकता है इक काबिल वक्ता

भाषा यहाँ की मीठी सबसे जैसे हैं मिष्ठान 
रसगुल्ला, सन्देश , लेंगचा या फिर खालो पान

खाने-पीने के शौकीनों से भरा पड़ा बाज़ार 
आलू-कबली, fish fry, पुचका तेज़-तर्रार 
 
मस्त मौला इस नगरी में जब हो आपका जाना 
और कुछ करो न करो खाना अवश्य खाना 

@जितेश मेहता

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