Sunday, August 23, 2015

Global Warming

मुंबई में भी बारिश नहीं है global warming आई है
लोनावला की पहाड़ियों में केवल गर्मी छाई है

अहमदाबाद भी सूखा है बस चार दिन की बारिश थी
पूरे देश को तीन महीनों से पानी की ख्वाहिश थी

अब न बरसे तो तरसेंगे हम सब पूरा साल
किसान मरते जा रहें हैं बुरा बहुत है हाल

लगता है हम सब की करनी पर अब भरनी आई है
बादल सारे मुंह फुलाये करे पड़े रुसवाई हैं 

Tuesday, August 11, 2015

क्या बरखा आखिर बरसेगी ?

चिप-चिप करती सुबह शाम 
गर्मी-उमस से परेशान 
एक आस सी है हर साँस में 
क्या बरखा आखिर बरसेगी ?

आते बादल जाते बादल 
इक आशा सी बँधाते बादल 
आँखों में तैरती सी तलाश 
क्या बरखा आखिर बरसेगी ?

चलते AC और बढ़ते Bill 
उबलते दिमाग और बैठे दिल 
बस यही पुकारें हैं तिल-तिल 
क्या बरखा आखिर बरसेगी ?

पत्ते इक-इक कर सूख रहे 
पंछी अब कम ही दिखते हैं 
पानी के Pouch बिकते हैं 
क्या बरखा आखिर बरसेगी ?