अब जाके मन को चैन मिला
जब झर-मर आई बूँदें
सूर्य देव आराम कर रहे
अपनी आँखें मूंदे
अपनी आँखें मूंदे
पानी से भरे गड्ढों को
अपना swimming pool बनाये
नंगे-पूंगे बच्चे सारे
मिटटी में आटा गूंधे
अब जाके मन को चैन मिला
जब झर-मर आई बूँदें
वर्षा सबसे सुन्दर ऋतू
सबके मन को भाए
सबके मन को भाए
पंछी, गाय, भैंस , मेंढक
इस मदिरा में झूम के कूदे
इस मदिरा में झूम के कूदे
अब जाके मन को चैन मिला
जल मग्न हो जाते
नदियां, तालाब,समंदर
हरियाली पेड़ों-पहाड़ों की
मन को खूब सुकूँ दे
अब जाके मन को चैन मिला
जब झर-मर आई बूँदें
जल मग्न हो जाते
नदियां, तालाब,समंदर
हरियाली पेड़ों-पहाड़ों की
मन को खूब सुकूँ दे
अब जाके मन को चैन मिला
जब झर-मर आई बूँदें
सूर्य देव आराम कर रहे
अपनी आँखें मूंदे
अपनी आँखें मूंदे