Monday, July 27, 2015

गगन देव प्रसन्न हुए

गगन देव प्रसन्न हुए हैं 
आखिर बारिश आई
पेड़ नहा के खुश हुए
हर पत्ती भीग मुस्काई

Concrete की सड़कें हुई ठंडी
गर्मी से जो तप रहीं थीं
हर बूँद को सोख रहीं
अपनी बरसों की प्यास बुझाई

गगन देव प्रसन्न हुए हैं 
आखिर बारिश आई

'हरा' रंग दिखने लगा 
धूप से 'पीला' पड़ा था 
खिल उठी हर कली  
जो थकी मरी सी थी मुरझाई 

गगन देव प्रसन्न हुए हैं 
आखिर बारिश आई 

मेंढक टर-टर करके
झींगुरों का साथ दे रहे
चिड़ियाँ जो चुप बैठी थीं
फिर से है चेह्चहाईं

गगन देव प्रसन्न हुए हैं 
आखिर बारिश आई
पेड़ नहा के खुश हुए
हर पत्ती भीग मुस्काई




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