आज मैं जिससे मिला
वो लड़की थोड़ी Dusky
आवाज़ दिल को छू गई
आवाज़ उसकी Husky थी
बाल थे जैसे काली रात के
बादलों का झुण्ड
उसकी ज़ुबान से गिरते
शब्द जैसे अमृत का कुंड
उसकी आँखें कंचे जिसमे
दुनिया पूरी समाई
और हिलती काली पुतली
जिसमे गंगा सी गहराई
उसके दांत संगेमरमर चमके
तारों से चम-चम
हर सांस में इतनी खुसबू
जीवन को महका दे हर दम
अब न जाने दिल उसको
क्यूँ भूल नहीं पाता है
अन्दर कुछ अजीब सा
होता है
बस ध्यान उसी तरफ जाता है