जिनके पास हैं
जमा करोड़ों उनका पता नहीं
हमने कुछ हज़ार की ख़ातिर
गुल्लक तोड़ दी
निकले बहुत सिक्के
नोट कुछ सौ कुछ दस के
हज़ार-पांच सौ की चाह में
बंद मटकी फ़ोड़ दी
जमा करोड़ों उनका पता नहीं
हमने कुछ हज़ार की ख़ातिर
गुल्लक तोड़ दी
निकले बहुत सिक्के
नोट कुछ सौ कुछ दस के
हज़ार-पांच सौ की चाह में
बंद मटकी फ़ोड़ दी