चलो आख़िर गई अब गर्मी
उबलते दिन प्रचंड
शॉल, रज़ाइयां निकलेंगी
उबलते दिन प्रचंड
शॉल, रज़ाइयां निकलेंगी
फिर झूम के आई 'ठंड'
सिगड़ी सजेंगी गली मोहल्ले
धुवां आँख को भाएगा
धूप की किरणों का झमघट
अब तन को खूब सुहाएगा
धुंध ज़रा मुश्किल तो देगी
मज़ा मगर उसका भी है
चाय की चुस्की वो भी लेगा
जिसको चस्का न भी है
कहवा, चाय और कॉफ़ी की
बिक्री खूब बढ़ जानी है
ऐसा सब तो होना ही है
जब भी 'सर्दी' आनी है
अब तन को खूब सुहाएगा
धुंध ज़रा मुश्किल तो देगी
मज़ा मगर उसका भी है
चाय की चुस्की वो भी लेगा
जिसको चस्का न भी है
कहवा, चाय और कॉफ़ी की
बिक्री खूब बढ़ जानी है
ऐसा सब तो होना ही है
जब भी 'सर्दी' आनी है
पंखो को आराम मिलेगा
पूरा साल ही भागते हैं
देर तक वो सब सोयेंगे
जल्दी जो भी जागते हैं
फिर ऊन सी बर्फ खिलेगी
खूब 'हिमाला' चमकेगा
ठंडी हवाओं के स्पर्श से
हर इक चेहरा दमकेगा
हाथ सेकते जगह-जगह पर
जनता पाई जायेगी
दुनिया भर के गर्म मुद्दों पर
हाथ सेक बतियेगी
हाथ सेकते जगह-जगह पर
जनता पाई जायेगी
दुनिया भर के गर्म मुद्दों पर
हाथ सेक बतियेगी
सर्दी का मौसम ही अलग है
रूहानी अहसास सा है
इस साल गर्मी ज़्यादा थी
इस साल ये ख़ास सा है
रूहानी अहसास सा है
इस साल गर्मी ज़्यादा थी
इस साल ये ख़ास सा है
सर्द ऋतू का स्वागत है- जितेश मेहता
Welcome Winter Season - Jitesh Mehta
Very nice jitesh
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