पहले छोटे चन्द्र बिंदु सा
जनम ये पाते हैं
फिर पूरे चंद्रमा सा
इक ग्रह बन जाते हैं
रहते हैं परिवार से
एकदूजे में घुलेमिले
घने काले ब्रह्माण्ड में
रौशनी के बुलबुले
चमकते लाखों ग्रहिकाओं में
करोड़ों चुलबुले
कहीं पे ये टूट के गिर
मनमोहित करते हैं
कहीं पे सैंकड़ों वर्षों तक
अमर हो तरते हैं
कहीं हैं मैले पीले
कहीं सफ़ेद धुले-धुले
घने काले ब्रह्माण्ड में
रौशनी के बुलबुले
चमकते लाखों ग्रहिकाओं में
करोड़ों चुलबुले
किसी के लिए ये केवल तारे
किसी के लिए कहानी
कोई बना इनमें हवा से
किसी में शायद पानी
अलग-अलग रंग रूप
हैं वर्षों वर्ष पले
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