नारंगी, बदरंगी या सतरंगी
आज पतंगें काटेंगे
ठण्ड होगी तो पहन के Sweater
वर्ना नंगे काटेंगे
डोरी होगी धार भरी
जो ज़ालिम केहर बरपाएगी
सारे उलझे फंसे पेच
वो काट-काट सुलझाएगी
शोर गुल इतना होगा
कोई कुछ सुन न पायेगा
Music होगी मस्ती होगी
मज़ा बहुत ही आएगा
शाम तलक तेज़ धूप से
मुँह काले पड़ जाएंगे
फिर भी उड़ाने के लालच में
टुक्कल छत पे लाएंगे
रात पतंगें यूँ लगेंगी
तारे अपने साथ हैं
जिधर भी चाहो उधर मोड़ लो
ये जुगनू अपने हाथ हैं
आज पतंगें काटेंगे
ठण्ड होगी तो पहन के Sweater
वर्ना नंगे काटेंगे
डोरी होगी धार भरी
जो ज़ालिम केहर बरपाएगी
सारे उलझे फंसे पेच
वो काट-काट सुलझाएगी
शोर गुल इतना होगा
कोई कुछ सुन न पायेगा
Music होगी मस्ती होगी
मज़ा बहुत ही आएगा
शाम तलक तेज़ धूप से
मुँह काले पड़ जाएंगे
फिर भी उड़ाने के लालच में
टुक्कल छत पे लाएंगे
रात पतंगें यूँ लगेंगी
तारे अपने साथ हैं
जिधर भी चाहो उधर मोड़ लो
ये जुगनू अपने हाथ हैं
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