14th सितम्बर 2016 - हिंदी दिवस के उपलक्ष पर :
राष्ट्र भाषा का दिन है मित्रों
आज हिंदी दिवस है
देश को बांध रखा है इसने
इसका अलग अपना रस है
आज हिंदी दिवस है
देश को बांध रखा है इसने
इसका अलग अपना रस है
राज्य भाषा का अपना रूप है
मातृ भाषा का अपना रंग
इससे अलग कभी न होना
ये चलती हर वक़्त संग
मातृ भाषा का अपना रंग
इससे अलग कभी न होना
ये चलती हर वक़्त संग
खड़ीबोली सी बोली जाती
जैसे मन हो बोल लो
जो भी भाषा बोलो चाहे
हिंदी का रंग घोल लो
जैसे मन हो बोल लो
जो भी भाषा बोलो चाहे
हिंदी का रंग घोल लो
सदियों से कविता और गीतों
में मोती बन झूमी है
केवल भारत वर्ष में नहीं
कई देशों में घूमी है
में मोती बन झूमी है
केवल भारत वर्ष में नहीं
कई देशों में घूमी है
हर भाषा की अपनी मस्ती
अपना एक प्रकार है
पर हिंदी हर दिशा में फैली
इतना बड़ा विस्तार है
अपना एक प्रकार है
पर हिंदी हर दिशा में फैली
इतना बड़ा विस्तार है
हिन्दी प्रेमी - जितेश मेहता
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