Monday, January 15, 2018



आज़ादी का है प्रतीक
हर ऊंची उड़ी पतंग
हवा के संग संग डोलती जाती
और बादल संग संग

छतों पे चढ़े लोग
जैसे पंछी बन उड़ना चाहें
करें मशक्कत खींच डोरियां
नाचें सबकी बाहें

उंगलियां हैं कटी फटी
पर चारों तरफ बहार
रंग बिरंगा आसमान है
आया पतंग त्यौहार

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