Sunday, August 21, 2011

वाह क्या मौसम बारिश का

This peom describes what happens when it rains
enjoy reading the poem

वाह क्या मौसम बारिश का  

वाह क्या मौसम बारिश का  
ये चाय की चुस्कियां  
ठंडक भरा ये मौसम  
बचपन की मस्तियाँ 
फिर से चलाने को मन  
करे कश्तियाँ  
सब एक सी दिखें  
खुश सारी हस्तियाँ 

वाह क्या मौसम बारिश का  
ये चाय की चुस्कियां  
ठंडक भरा ये मौसम  
बचपन की मस्तियाँ 
कहीं पे पानी से भरे गड्ढे
कहीं पे हरियाली 
ये धुले नहाये से पेड़ पत्ते
जैसे पूरी दुनिया ही नहाली 

गलियों में महल्लों में 
पकोड़ों की महकती खुशबू 
सब तरफ चहल पहल
किसीने कर दिया जादू 
जो थका सा सूखा सा 
वो तृप्त अब जहाँ  
वाह क्या मौसम बारिश का  
ये चाय की चुस्कियां  
ठंडक भरा ये मौसम  
बचपन की मस्तियाँ 

ये चिड़ियों का ख़ुशी में 
झुण्ड बन के चेह्चाहना
ये गाये भैसों का  
सड़क बीच  नहाना 
अब सब जल मग्न
हो चुका और चाहिए कुछ कहाँ  
वाह क्या मौसम बारिश का  
ये चाय की चुस्कियां  
ठंडक भरा ये मौसम  
बचपन की मस्तियाँ 

-जितेश मेहता

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