Wednesday, June 24, 2015

बूँद-बूँद

बूँद-बूँद

बारिश में बरसे है प्यार बूँद-बूँद
मुस्कानों की लाए बौछार बूँद-बूँद
किसी के लिए सिर्फ़ मौसम इक मस्ताना
किसी के लिए है त्योहार बूँद-बूँद


सोई हसरतों को फिर जगाती बूँद-बूँद
थके हारों को भगाती बूँद-बूँद
पेड़ खुल के साँसें लेने लगें
सूखी धरती को जब भी भिगाती बूँद-बूँद


नीरस मन को तृप्त कर देती बूँद-बूँद
चेहरे को जब गीला तर देती बूँद-बूँद
सपनों पे जमी रेत धुलने लगे
आशाओं से जब जीवन को भर देती बूँद-बूँद

-जितेश मेहता 


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